सांदीपनि ऋषि का अर्थ
[ saanedipeni risi ]
सांदीपनि ऋषि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- श्रीकृष्ण और बलराम को शिक्षा देने वाले एक ऋषि:"सांदीपनि के आश्रम में कृष्ण और सुदामा एक साथ शिक्षा ग्रहण करते थे"
पर्याय: सांदीपनि, संदीपन, संदीपन ऋषि, सान्दीपनि, सान्दीपनि ऋषि, सन्दीपन, सन्दीपन ऋषि
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- सांदीपनि ऋषि के समक्ष पहुंच कर सुदामा की कुंठा फिर जाग उठी .
- इसी से जुड़ा से प्रसंग उज्जैन के सांदीपनि ऋषि का है , जिनके आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण विद्याध्ययन करते थे।
- सांदीपनि ऋषि परम तपस्वी भी थे , उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर यह वरदान प्राप्त किया था कि उज्जैयिनी में कभी अकाल नहीं पड़ेगा।
- नगर से कुछ ही दूरी पर कृष्ण और सुदामा के गुरु सांदीपनि ऋषि का आश्रम भी है जहाँ दोनों ने शिक्षा ग्रहण की थी।
- सांदीपनि ऋषि की पत्नी ने सुदामा को भी उसी कार्य के निमित्त वन भेजा तथा तीनों विघार्थियों को खाने को कुछ चने भी उन्होंने सुदामा के द्घारा भेजे ।
- श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि ऋषि के आश्रम द्वापर काल में विद्यार्थी श्रीकृष्ण और भगवान महाकालेश्वर के मिलन स्थल श्री कुंडेश्वर महादेव अंकपात पर बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
- भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण ने सर्वज्ञानी होने के बाद भी सांदीपनि ऋषि से शिक्षा ग्रहण की और ये साबित किया कि कोई इंसान कितना भी प्रतिभाशाली या गुणी क्यों न हो , उसे जीवन में फिर भी एक गुरु की आवश्यकता होती ही है।
- वे सर्व ज्ञानी थे फिर भी सांदीपनि ऋषि से 64 कलाओं का ज्ञान लिया , वे अकेले महाभारत युद्ध को एक दिन में जीत सकते थे लेकिन उन्होंने सिर्फ पांडवों का मार्गदर्शन किया और ये संदेश दिया कि परमात्मा सिर्फ राह दिखा सकता है , हर आदमी को अपना संघर्ष खुद ही करना पड़ेगा।